शुक्रवार, 15 अक्तूबर 2010

काम की वेबसाइट्स

काम की वेबसाइट्स

www.ning.com
यह साइट सोशल नेटवर्किग साइट के प्रति आपके गुस्से और रोमांच को एक नया स्तर प्रदान करती है। इस साइट पर जाकर आप अपना सोशल नेटवर्क बना सकते हैं। यहां आपको प्रोफेशनल प्रश्नसूची बनाने की स्वतंत्रता है। आप किन मॉडयूल्स को शामिल करना चाहते हैं, किसको नहीं, से लेकर सोशल नेटवर्क के लिए टेम्प्लेट सुविधा भी इस साइट पर है। निंग लोगों के समूह को व्यवस्थित करने के लिए अच्छी साइट है। कुछ तरीकों में एक छोटे सोशल नेटवर्क के लिए यह वेबसाइट एक पोर्टल की तरह है। यहां आप अपने समान नेटवर्क बनाने वाले हजारों यूजर्स के साथ जुड़ सकते हैं। दूसरे शब्दों में यह एक सोशल नेटवर्क विकसित करने का प्लेटफॉर्म है। आप अपने पसंदीदा कलाकार की फैन साइट बना सकते हैं, अपने परिवार के लिए सोशल नेटवर्क तैयार कर सकते हैं। ऐसी अनेक फीचर्स इस साइट पर हैं।
www.iusedtobelieve.com
हममें से अधिकतर के मन-मस्तिष्क में कुछ बातों को लेकर डर बैठा होता है, मसलन भूत असली में होते हैं या यदि आप सेब का बीच खा जाते हैं तो पेट के अंदर सेब का पेड़ उग जाता है। जैसे-जैसे हम बड़े होते हैं तो हमें पता चल जाता है कि हमारे यह डर व्यर्थ थे। यहां आपको अपने बचपन की यात्रा करने का अवसर मिलेगा, जो आपको हसाएंगी और हैरत में डाल देंगी कि आप क्या सोचते थे। सबसे अच्छी बात यह है कि आपको यह जानकर खुशी होगी कि केवल आप ही ऐसा नहीं सोचते हैं। यह साइट बताएगी कि एक बच्चा होना कैसा होता है और बच्चे बड़ों की दुनिया से किस तरह डरते हैं। इस साइट पर विजिट करें और पाएं ऐसी ही बचपन से जुड़ी कहानियां जिनमें से कुछ पर हम अभी तक विश्वास करते हैं।

काम की वेबसाइट्स

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www.lettersofnote.com
यदि आपको खत लिखने का शौक है और इतिहास में भी रुचि रखते हैं तो इस साइट पर आना आपको अवश्य अच्छा लगेगा। यह एक स्टाइलिश साइट है जिस पर कई सारे स्कैन्ड लैटर, टेलिग्राम, फैक्स आदि मिलेंगे। यहां अल्बर्ट आइंस्टीन द्वारा अमेरिकी राष्ट्रपति फ्रेंक्लिन डिलानो रूजवेल्ट को लिखा पत्र भी शामिल है, जिसमें उन्होंने उन्हें एटॉमिक रिसर्च करने के लिए प्रेरित किया है।
आप इस वेबसाइट से अपने फेसबुक, ट्विटर या गूगल बज एकाउंट के जरिए भी जुड़ सकते हैं। सहूलियत के लिए खतों को कला, विज्ञान, हास्य, शिकायत, आभार, प्यार, राजनीति, संगीत  आदि विभिन्न श्रेणियों में बांटा गया है। यहां आपको आकर नहीं लगेगा कि खत बीते जमाने की बात बन गए हैं।
www.thehousedirectory.com
हाउस डाइरेक्ट्री इंटीरियर, गार्डन डिजाइन व साज-सज्जा के लिए ऑनलाइन डाइरेक्ट्री है। यह काफी तेज, निशुल्क और इस्तेमाल में आसान वेबसाइट है। इस साइट पर आपको इंटीरियर व गार्डन डिजाइन के प्रत्येक पहलू की जानकारी मिल जाएगी। 3500 से अधिक कई महत्वपूर्ण कंपनियां भी इस पर सूचीबद्ध हैं।
ऐसे में यदि आप किसी सही दुकान का चयन नहीं कर पा रहे हैं तो आपके पास वेब सर्च का विकल्प मौजूद है, जहां आप विभिन्न कंपनियों के उत्पाद व सेवाओं के बारे में जान सकते हैं। इतना ही नहीं, आपको हर माह एक न्यूजलेटर भी मिलेगा जिसमें नवीन चलन व उपयोगी सूचना दी जाती है। आप साइट पर आस्क द एक्सपर्ट स्तंभ में साज-सज्जा के संबंध में विभिन्न प्रश्न भी पूछ सकते हैं।

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F
www.ning.com
यह साइट सोशल नेटवर्किग साइट के प्रति आपके गुस्से और रोमांच को एक नया स्तर प्रदान करती है। इस साइट पर जाकर आप अपना सोशल नेटवर्क बना सकते हैं। यहां आपको प्रोफेशनल प्रश्नसूची बनाने की स्वतंत्रता है। आप किन मॉडयूल्स को शामिल करना चाहते हैं, किसको नहीं, से लेकर सोशल नेटवर्क के लिए टेम्प्लेट सुविधा भी इस साइट पर है। निंग लोगों के समूह को व्यवस्थित करने के लिए अच्छी साइट है। कुछ तरीकों में एक छोटे सोशल नेटवर्क के लिए यह वेबसाइट एक पोर्टल की तरह है। यहां आप अपने समान नेटवर्क बनाने वाले हजारों यूजर्स के साथ जुड़ सकते हैं। दूसरे शब्दों में यह एक सोशल नेटवर्क विकसित करने का प्लेटफॉर्म है। आप अपने पसंदीदा कलाकार की फैन साइट बना सकते हैं, अपने परिवार के लिए सोशल नेटवर्क तैयार कर सकते हैं। ऐसी अनेक फीचर्स इस साइट पर हैं।
www.iusedtobelieve.com
हममें से अधिकतर के मन-मस्तिष्क में कुछ बातों को लेकर डर बैठा होता है, मसलन भूत असली में होते हैं या यदि आप सेब का बीच खा जाते हैं तो पेट के अंदर सेब का पेड़ उग जाता है। जैसे-जैसे हम बड़े होते हैं तो हमें पता चल जाता है कि हमारे यह डर व्यर्थ थे। यहां आपको अपने बचपन की यात्रा करने का अवसर मिलेगा, जो आपको हसाएंगी और हैरत में डाल देंगी कि आप क्या सोचते थे। सबसे अच्छी बात यह है कि आपको यह जानकर खुशी होगी कि केवल आप ही ऐसा नहीं सोचते हैं। यह साइट बताएगी कि एक बच्चा होना कैसा होता है और बच्चे बड़ों की दुनिया से किस तरह डरते हैं। इस साइट पर विजिट करें और पाएं ऐसी ही बचपन से जुड़ी कहानियां जिनमें से कुछ पर हम अभी तक विश्वास करते हैं।
 

इंटरनेट के खतरे

इंटरनेट के  खतरे

किसी दिन सुबह सुबह आप अपना कंप्यूटर चालू करते हैं तो पाते हैं कि वह खराब है। जरा याद कीजिए कि आपने अपने कंप्यूटर पर हाल ही में क्या काम किया था। बहुत संभव है कि आपने किसी खतरनाक वायरस युक्त वेबसाइट का भ्रमण किया हो, किसी ईमेल में आए वायरस युक्त संलग्क को खोला हो अथवा किसी संक्रमित यूएसबी ड्राइव इस्तेमाल किया होगा।
भले ही आपने अपने कंप्यूटर पर इंडस्ट्री का सबसे बढ़िया एंटीवायरस और फायरवॉल लगाया हुआ हो, मगर इंटरनेट के उत्पाती इन्हें मात देने के लिए नए उपक्रम करते रहते हैं। आइए, आज निगाह डालते हैं नेट के ऐसे ही कुछ सदाबहार खतरों पर, जिनसे बचना ही उत्तम उपाय है।
फ्लैश आधारित साइटें
काम के दौरान आप पाँच मिनट का गैप लेते हैं और किसी ऑनलाइन फ्लैश गेम को खेलकर मन प्रफुल्लित करते हैं, मगर आपका यह कदम कंप्यूटर के लिए खतरनाक होता है। फ्लैश सॉफ्टवेयर प्रोग्राम पिछले कुछ समय से मालवेयर परोसने का एक बड़ा प्लेटफॉर्म बन चुका है। साथ ही जब आप फ्लैश आधारित कोई ऑनलाइन प्रोग्राम चलाते हैं तो आपके कंप्यूटर में फ्लैश कुकीज प्लांट हो जाते हैं। ये फ्लैश कुकीज आपके कंप्यूटर के सेंसिटिव डाटा ट्रैक कर सकने में समर्थ होते हैं। इन्हें आप सामान्य कुकीज की तरह मिटा भी नहीं सकते।
बेहतर यही है कि आप अपने ब्राउजर में फ्लैश को अक्षम कर रखें, और यदि आप फ्लैश आधारित प्रोग्राम व साइटों पर भ्रमण करते रहते हैं तो ब्राउजर के फ्लैश प्लगइन करते रहें।
छोटे यूआरएल
वेब पर आजकल छोटे यूआरएल का प्रचलन बढ़ा है। लंबे व बड़े यूआरएल को प्रयोग करने में अनावश्यक परेशानी से बचने के लिए टाइनी यूआरएल जैसे यूआरएल शार्टनर का प्रचलन चालू हुआ था जिसे हाथों हाथ लिया गया और ट्विटर जैसी सेवाएं इसे डिफॉल्ट और अंतर्निर्मित प्रयोग कर रही हैं। इसमें खतरा यह होता है कि शॉर्ट यूआरएल से आप उसके पेरेंट यूआरएल का अंदाजा नहीं लगा सकते। ट्विटर के किसी ट्वीट पर किसी शॉर्ट यूआरएल को क्लिक करेंगे तो हो सकता है कि वो किसी पोर्न साइट पर आपको ले जाए। मालवेयर परोसने वाले आजकल अधिकतर ऐसे ही यूआरएल शॉर्टनर सेवाओं का धड़ल्ले से उपयोग कर रहे हैं। सुरक्षा के लिहाज से टाइनी यूआरएल का यूआरएल प्रीव्यू सेवा का प्रयोग करें।
ईमेल और ईमेल संलग्नक
ईमेल संदेशों का एक बड़ा हिस्सा 90 प्रतिशत से अधिक फालतू (स्पैम) ही होता है। मगर अपराधियों ने इसे चारा फेंक कर शिकार फांसने का बढ़िया साधन बना लिया है। नित्य ही अखबारों पर आप रिजर्व बैंक के चेतावनी भरे संदेश देखते होंगे कि नेट पर लाटरी, ईनाम के चक्कर में न पड़ें और न ही बैंक खाता जानकारी इत्यादि दें, मगर इसके बावजूद मासूम इंटरनेट उपयोक्ता इन फिशरों के जाल में फंस ही जाते हैं। इसी प्रकार ईमेल संलग्नक भी कई बार प्रयोगकर्ताओं का बेड़ा गर्क करते हैं। आपके ईमेल में किसी जाने-अनजाने व्यक्ति से कोई अटैचमेंट आता है और जैसे ही आप उसे खोलते हैं तो हो सकता है कि आपका कंप्यूटर वायरसों से संक्रमित हो जाए। ऐसे संलग्नक जिन्हें आपने मंगाया ही नहीं, कतई न खोलें, भले ही वह आपके परिचित से आया हो।
सॉफ्टवेयर डाउनलोड में मालवेयर
इंटरनेट में मुफ्त में हर किस्म का असीमित गीत-संगीत वीडियो डाउनलोड उपलब्ध है। द पायरेट बे जैसी टॉरेंट साइटों के जरिए आप तमाम किस्म के लाइसेंस व क्रेक किए सॉफ्टवेयर डाउनलोड कर सकते हैं, मगर बहुत मर्तबा ऐसी मुफ्त डाउनलोड प्रदान करने वाली साइटों के जरिए आपके डाउनलोड के साथ साथ वायरस और मालवेयर भी एक पे एक फ्री की तरह डाउनलोड हो जाते हैं। कई क्रेक किए प्रोग्राम वस्तुत: मालवेयर और ट्रोजन ही होते हैं जो आपके कंप्यूटर से बहुधा बैंकिंग इत्यादि की महत्वपूर्ण जानकारी चुपचाप जुटाकर इंटरनेट के अपराधियों को प्रेषित करते हैं।
सर्च इंजनों के जहरीले लिंक
मासूम इंटरनेट प्रयोक्ताओं को एक सर्वथा नए तरह के खतरों से जूझना पड़ रहा है। आप इंटरनेट पर कुछ सर्च करते हैं और आपके सामने उससे संबंधित कुछ लिंक आते हैं। आप किसी लिंक पर इस आशा से क्लिक करते हैं कि वहां आपके काम की कोई सामग्री मिलेगी, पर वहाँ ऊलजुलूल जानकारी मिलती है और आप वहाँ से हट जाते हैं, मगर इस बीच आपके कंप्यूटर पर उस लिंक में स्थित स्क्रिप्ट का मालवेयर अपनी पैठ जमा चुका होता है। कंप्यूटर सेक्योरिटी कंपनी मैकएफी के अनुसार, कैमरन डियाज व स्क्रीनसेवर नाम से इंटरनेट पर सर्च करने पर कोई 19 प्रतिशत लिंक ऐसे प्रकट होते हैं जिनमें किसी न किसी तरह का मालवेयर होता है। साइबर संसार के शातिर सर्च इंजन ऑप्टीमाइजेशन तकनीक का प्रयोग कर ऐसे खतरनाक लिंकों को इंटरनेट पर सर्वाधिक खोजे जाने वाले शब्दों के साथ जोड़ देते हैं और इस तरह अपने शिकार फांसते हैं।
भ्रामक विज्ञापन
इंटरनेट पर डाटा एंट्री कर या विज्ञापन देख कर हर महीने हजारों रुपए घर बैठे कमाएँ! आपने ऐसे विज्ञापन अखबारों के क्लासीफाइड कलम में तो देखे ही होंगे, इन बॉक्स में चेन मेल या स्पैम के रूप में भी ये दिखे होंगे। तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ये सिर्फ शिकार फांसने वाले और बहुधा नेटवर्क मार्केटियरों के शिकार फंसाने के फंदे होते हैं, और ऐसी योजनाओं में फंसकर आप नुकसान ही उठाते हैं, फायदा कुछ नहीं होता। ऐसे विज्ञापन देने वाले यदि ऐसा कुछ होता तो पहले वे खुद घर बैठे हजारों कमाते।

काम की वेबसाइट्स

काम की वेबसाइट्स

www.bookmooch.com
यदि आप पढ़ने का शौक रखते हैं, तो इस बात को भली-भांति जानते हैं कि अपनी पुरानी किताबों को रद्दी में फेंकना कितना मुश्किल होता है। भले ही आप उन्हें फिर न पढ़ें। यदि आप चाहते हैं कि आपको अपनी किताब के लिए कोई नया पाठक मिल जाए, तो यह साइट आपको बेहतर लगेगी। साइट किताबों को सकरुलेशन में रखते हुए आपको भी नई किताबें पढ़ने का मौका देता है। जब भी आप किसी को अपनी किताब पढ़ने को देते हैं तो आप प्वॉइंट जीतते हैं और साइट पर मौजूद दूसरे सदस्यों से कोई भी किताब पा सकते हैं। आप चाहें तो वह किताब अपने पास रखें या दूसरों को पढ़ने दें। इस साइट पर जुड़ने या किताब लेन-देन निशुल्क है। आपको केवल डाक खर्च वहन करना होगा।
www.filmaster.com
यह एक नई सोशल नेटवर्किग साइट है, जो कि फिल्म शौकीन लोगों को अपनी और आकर्षित कर सकती है। आप यहां अपनी पसंदीदा फिल्म के लिए दूसरों को सुझाव भी दे सकते हैं और अपनी सामग्री भी डाल सकते हैं। आप अपना मूवी ब्लॉग चला सकते हैं, फिल्म की रेटिंग कर सकते हैं और अपनी समीक्षा भी पोस्ट कर सकते हैं। यहां आप अपने समान रुचि रखने वाले दूसरे लोगों से संपर्क साध सकते हैं। आपकी समीक्षा के आधार पर यह साइट आपको भी ऐसी फिल्म के विषय में जानकारी देगी, जिन्हें आपको देखना चाहिए या नहीं देखना चाहिए। आप ट्विटर और फेसबुक के माध्यम से भी जुड़ सकते हैं।

लाइब्रेरी नेटवर्क सर्वर

लाइब्रेरी नेटवर्क सर्वर


लाइब्रेरी नेटवर्क सर्वर पुस्तकालय के एक मास्टर कंप्यूटर से जोड़ा जाता है, जो पुस्तकालय के बाकी कम्प्यूटरों को सिस्टम से जुड़ी हुई सेवाएं मुहैया कराता है। यह लोकल एरिया नेटवर्क यानी लैन, सिस्टम पर काम करता है। एक इंटरनेट कनेक्शन इस सर्वर की मदद से बाकी कंप्यूटरों पर भी काम करता है। इंटरनेट से जुडने के साथ ही यह पूरे पुस्तकालय के लिए संवाद और विभिन्न फाइलों के साझा इस्तेमाल में उपयोगी होता है।
लाइब्रेरी नेटवर्क सर्वर में फाइल और प्रिंट लेने के अलावा मीडिया वेब कैचिंग और डाउनलोड चीजों को साझा करने जैसी जैसी सुविधाएं शामिल होती हैं। यह सबके डाटा बैकअप जैसी सुविधा भी प्रदान करता है। यह आमतौर पर विश्वसनीय यूजर्स द्वारा ही इस्तेमाल किया जाता है, इसलिए इसमें डेस्कटॉप से सीधे लॉगइन करने की बजाय सर्वर से ही लॉगइन करने की सुविधा मिलती है।
चूंकि इसमें इस्तेमाल में लाए जाने वाले कम्प्यूटर्स की संख्या कम होती है इसलिए इसके कनेक्शन के लिए ज्यादा लोड वाले पॉवर सिस्टम की जरूरत भी नहीं होती। हालांकि डाटा सुरक्षित रखने के लिए बाधारहित पॉवर सप्लाई आवश्यक होती है। जहां तक हार्डवेयर उपकरणों की क्षमता का सवाल है तो इसके लिए 1 गीगाहर्ट्ज क्षमता वाले सीपीयू और 256 एमबी रैम से काम चलाया जा सकता है।
इसके साथ ही ऑपरेटिंग सिस्टम के सॉफ्टवेयर के अनुसार डाटाबैक सर्विस भी मिलती है। इसमें लॉगिन करते समय यूजर्स आमतौर पर पासवर्ड की बजाय सर्वर पर लॉगिन करते हैं, इससे वे पूरे नेटवर्क से जुड़ जाते हैं। माइक्रोसाफ्ट विंडोज, मैक ओएस, लिनेक्स, यूनिक्स और सोलेरिस कुछ प्रमुख होम नेटवर्क सर्वर हैं। कुछ सर्वर कंप्यूटर में हार्डवेयर के साथ ही विंडोज होम सर्वर लोड होता है।
लाइब्रेरी नेटवर्क सर्वर कितना सरल या जटिल होगा, यह एडमिनिस्ट्रेटर की व्यवस्था पर निर्भर है। लाइब्रेरी नेटवर्क सर्वर को रिमोट डेस्कटॉप से और आरडीपी और वेबमिन जैसे इंटरफेस से मैनेज किया जाता है। ज्यादातर लोग इसे मल्टीमीडिया कंटेंट खासकर म्यूजिक, वीडियो और तमाम दूसरे कंटेंट डाउनलोड करने में प्रयोग करते हैं।

डाटा वेयरहाउसिंग

डाटा वेयरहाउसिंग

विभिन्न स्त्रोतों से डाटा (सूचना) एकत्र कर उन्हें एक संयुक्त और व्यापक डाटाबेस में रखने को डाटा वेयरहाउसिंग या डाटा भंडारण कहते हैं। डाटा वेयरहाउसिंग में आमतौर पर रिपोर्ट, सर्वेक्षणों के नतीजे और अन्य सवाल संरक्षित किए जाते हैं जिनके आधार पर उसका गठन होता है। यह स्त्रोत व्यक्ति, संगठन की जरूरत के हिसाब से गठित किए जाते हैं। लेकिन शर्त सिर्फ इतनी होती है कि सिस्टम इस सूचना को अपने में सुरक्षित रखने लायक पुख्ता हो। इसका अंतिम नतीजा एक बहुआयामी डाटाबेस होता है, जिसमें आसानी से फेरबदल किया जा सके।
दरअसल, डाटा वेयरहाउसिंग का इस्तेमाल कंपनियों द्वारा नए चलनों की जानकारी के लिए किया जाता है। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो कंपनियां रोजमर्रा के कार्य को परखने के लिए इसका इस्तेमाल करती हैं, लेकिन उसका मुख्य कार्य दीर्घकालिक नीति-निर्धारण होता है। आमतौर पर डाटा वेयरहाउस में मौजूद डाटा रीड-ओनली मोड का होता है और यह रिपोर्ट आधारित सूचनाएं मुहैय्या कराता है।
डाटा वेयरहाउस का डाटा निरंतर अपडेट भी किया जाता है। रिपोर्टिग और आकलन संबंधी कार्य में कुछ अधिक समय लगता है। लेकिन डाटा वेयरहाउसिंग में ही किसी कंपनीके संपूर्ण डाटा को सेव नहीं रखा जाता, बल्कि उसमें विशिष्ट कार्य संबंधी डाटा ही रखा जाता है। अन्य जरूरी डाटा कई स्थानों पर रखा जाता है जिसे प्राप्त करना उतना आसान नहीं होता। बड़े संगठनों को व्यापारिक विस्तार संबंधी कार्य के लिए डाटा वेयरहाउसिंग की जरूरत पड़ती है। इसके विपरीत छोटी कंपनियों को अपने विशिष्ट कार्यो के लिए ही डाटा की जरूरत पड़ती है। डाटा वेयरहाउसिंग में अक्सर छोटे समूहों में डाटा सेव रहता है, जिन्हें डाटा मार्ट कहते हैं। इस तरह बड़ी कंपनियों के पास डाटा वेयरहाउसिंग और डाटा मार्ट दोनों सुविधाएं रहती हैं। इस तरह वह इस्तेमालकर्ताओं को उसकी मौजूदा जरूरतों संबंधी स्त्रोत और कार्यों को करने की सुविधा प्रदान करती हैं।
 तैयारी डेस्क